बंगाल में SIR से पहले मचा हड़कंप, सैकड़ों की संख्या में तालाब से आधार कार्ड बरामद
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के एक दिन बाद पूर्व बर्द्धमान जिले के पूर्वस्थली क्षेत्र में एक तालाब से सैकड़ों आधार कार्ड बरामद हुए। बुधवार सुबह बरडांगा इलाके में तीन बोरियों में भरे कार्ड मिले।
भाजपा ने इन्हें फर्जी बताते हुए एसआईआर के डर से नष्ट करने का आरोप लगाया और सीबीआई जांच की मांग की। तृणमूल ने इन्हें डुप्लीकेट कार्ड बताया। उप-विभागीय मजिस्ट्रेट ने जांच की घोषणा की। पुलिस ने कार्ड बरामद कर स्थानीय लोगों से जमा करने की अपील की। कार्डों पर लगी तस्वीरें कोई पहचान नहीं सका। अभी तक फेंकने वाले का पता नहीं चला।
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया का विस्तार
विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची को शुद्ध, अद्यतन और त्रुटिरहित बनाने हेतु प्रारंभ की गई प्रक्रिया है। यह मतदाता सूची में फर्जी, मृत या दोहरी प्रविष्टियों को हटाने तथा नए मतदाताओं को शामिल करने पर केंद्रित है। पश्चिम बंगाल में यह प्रक्रिया मंगलवार (5 नवंबर 2025) से शुरू हुई है, जो राज्य की आगामी विधानसभा चुनावों की तैयदी के लिए महत्वपूर्ण है।
SIR प्रक्रिया के मुख्य चरण
- तैयारी और सूचना अभियान (Preparation and Awareness):
निर्वाचन आयोग बूथ स्तर अधिकारियों (BLO) को प्रशिक्षित करता है। जन जागरूकता के लिए विज्ञापन, सोशल मीडिया और स्थानीय अभियान चलाए जाते हैं। मतदाताओं को फॉर्म-6 (नया नाम जोड़ना), फॉर्म-7 (नाम हटाना) आदि भरने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। पश्चिम बंगाल में गणना फॉर्म (Enumeration Forms) का वितरण शुरू हो चुका है। - घर-घर सर्वेक्षण (Door-to-Door Verification):
BLO घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करते हैं। आधार, वोटर आईडी, राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों की जाँच की जाती है। गहन पुनरीक्षण में प्रत्येक प्रविष्टि की वैधता सत्यापित की जाती है। यदि कोई विसंगति (जैसे मृत व्यक्ति का नाम या फर्जी पता) मिले, तो उसे चिह्नित किया जाता है। - दावा-आपत्ति अवधि (Claims and Objections Period):
प्रारंभिक सूची जारी होने के बाद 7-15 दिनों की अवधि में मतदाता दावा (नाम जोड़ना) या आपत्ति (नाम हटाना) दर्ज करा सकते हैं। ऑनलाइन पोर्टल (voters.eci.gov.in) या BLO के माध्यम से यह संभव है। पश्चिम बंगाल में यह अवधि नवंबर 2025 के अंत तक चलेगी। - सत्यापन और अंतिम सूची (Verification and Final Publication):
आपत्तियों की सुनवाई के बाद संशोधित सूची तैयार की जाती है। अंतिम सूची चुनाव से 5 दिन पहले प्रकाशित होती है। प्रक्रिया में डिजिटल टूल्स (जैसे E-EPIC) का उपयोग बढ़ाया गया है।
उद्देश्य और महत्व
- शुद्धता सुनिश्चित करना: फर्जी मतदाताओं को रोकना, विशेषकर घुसपैठिए या डुप्लीकेट नामों को।
- समावेशिता: युवा, महिलाओं और प्रवासी मतदाताओं को शामिल करना।
- चुनावी निष्पक्षता: पारदर्शिता बढ़ाकर लोकतंत्र को मजबूत करना।
पश्चिम बंगाल में SIR के दौरान पूर्व बर्द्धमान जैसे जिलों में आधार कार्डों की बरामदगी जैसी घटनाएँ राजनीतिक विवाद पैदा कर रही हैं, जो प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाती हैं। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि सभी दावों की निष्पक्ष जाँच होगी।
