बड़ी राहत! ममता सरकार के भर्ती फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई CBI जांच पर रोक…

नई दिल्ली/कोलकाता। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा है कि अदालत का कार्य यह नहीं है कि वह मंत्रिमंडल (कैबिनेट) द्वारा लिए गए फैसलों की जांच कराए। शीर्ष अदालत ने कोलकाता हाई कोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया है, जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की भर्ती को लेकर सीबीआई जांच के आदेश दिए गए थे।
शीर्ष अदालत ने कहा कि यह मामला पूरी तरह कैबिनेट के फैसले से जुड़ा है और ऐसे मामलों में न्यायपालिका को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। अदालत ने 25,000 शिक्षकों और स्टाफ की भर्ती को लेकर सीबीआई जांच की आवश्यकता से इनकार किया, जिससे ममता बनर्जी सरकार को राहत मिली है।
हालांकि, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के आरोपों को गंभीर मानते हुए इन्हें रद्द कर दिया था। इसके बाद यह मामला राजनीतिक रूप से भी चर्चा में आ गया था।
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने स्पष्ट किया कि अदालतों की सीमाएं हैं और कैबिनेट के निर्णयों की वैधता की जांच उनका कार्यक्षेत्र नहीं है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “मैं अदालत का सम्मान करती हूं, लेकिन फैसला स्वीकार नहीं कर सकती।” उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में व्यापमं जैसा बड़ा घोटाला हुआ, लेकिन किसी को सजा नहीं मिली, जबकि हमने अपने शिक्षा मंत्री को बर्खास्त कर जेल भेजा।
ममता बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा और सीपीएम की मिलीभगत से बंगाल की शिक्षा प्रणाली को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताएं थीं, लेकिन सरकार ने अपनी ओर से उचित कार्रवाई की।
गौरतलब है कि 2016 में पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिसके तहत 23 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था और 24,640 पदों के लिए अधिसूचना जारी हुई थी।