वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने सूचीबद्ध करने का दिया भरोसा

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की मांग पर विचार करने को तैयार हो गया है। सोमवार को याचिकाकर्ताओं द्वारा शीघ्र सुनवाई की अपील किए जाने पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने मामले को सूचीबद्ध करने का आश्वासन दिया।

अब तक इस कानून को चुनौती देने वाली आधा दर्जन से अधिक याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सोमवार सुबह मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष जमीयत-उलमा-ए-हिंद की याचिका का उल्लेख करते हुए बताया कि इस मुद्दे पर कई याचिकाएं लंबित हैं और जल्द सुनवाई आवश्यक है। उनके साथ वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और निजाम पाशा ने भी अन्य याचिकाओं की शीघ्र सुनवाई की मांग उठाई।

इसके अतिरिक्त, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, विधायक अमानतुल्ला खान और एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (APCR) सहित कई संगठनों और व्यक्तियों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं।

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने मौखिक मेंशनिंग की परंपरा को बंद कर रखा है और इसके स्थान पर पत्र या ईमेल के माध्यम से शीघ्र सुनवाई की मांग करने की प्रक्रिया अपनाई गई है। सिब्बल ने बताया कि उन्होंने यह प्रक्रिया पहले ही पूरी कर ली है, जिस पर न्यायमूर्ति खन्ना ने आश्वासन दिया कि वह दोपहर बाद मामले की समीक्षा करेंगे और उचित होने पर इसे शीघ्र सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।

गौरतलब है कि इस मामले में सबसे पहली याचिका कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद द्वारा दाखिल की गई थी। इसके बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, जमीयत-उलमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी और समस्त केरला जमीअतुल उलमा समेत कई अन्य याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं। मौलाना अरशद मदनी की याचिका में तो वक्फ संशोधन कानून के लागू होने पर अंतरिम रोक लगाने की मांग भी की गई है।

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