चोरी छुपे होते हैं ओवर रेटिंग, काले साए की तरह बिखर रहा जाल…

रायपुर। ओवर रेटिंग ये शब्द कोई पुराना नहीं है। और ऐसा कोई आबकारी अधिकारी नहीं जो इस शब्द से वाकिफ न हो। सरकारी खजाने को भरने वाले आबकारी विभाग में काले घने बादल छाए हुए हैं। परत दर परत कर कई राज खुलते जा रहे हैं। एक तरफ जहां आबकारी विभाग व पूरा सिस्टम लालपुर के भगोड़े शेखर बंजारे उर्फ चैत बंजारे को ढूंढने में लगा हुआ है तो वहीं राजधानी रायपुर के कई ऐसे शराब दुकान हैं जो आज भी मदिरा प्रेमियों के जेबों में खुलेआम डाका डाल कर अपना और लचर सिस्टम में बैठे अपने आला अधिकारियों का जेब गर्म करने में लगे हुए हैं।

ओवर रेटिंग से हो रहे काले कमाई का हिस्सा दुकान कर्मचारियों के साथ ही साथ अधिकारियों के जेब में भी दस्तक देने लगी है। शहर के कई ऐसे शराब दुकान हैं जहां धड़ल्ले से समयानुसार ओवर रेटिंग कर सरकारी राजस्व की चोरी की जा रही है।

बता दें कि हाल ही में आबकारी विभाग को तगड़ा झटका लगा है। अधिकारियों के नाक के नीचे एक ब्लैक लिस्टेड व्यक्ति अपने भाई के दस्तावेज लगा कर सालों से नौकरी करता रहा और मिलावटी शराब बेच कर शासन को चूना लगता रहा। मामले का खुलासा होने के बावजूद अधिकारी ढीले अवस्था में दिखाई देता नज़र आ रहे हैं।

बीते दिनों ही कटोरा तालाब स्थित शराब दुकान में ओवर रेटिंग करते हुए एक सेल्समैन को राज्य उड़नदस्ता की टीम ने बाहर का रास्ता दिखाया था। तो वहीं आज फिर एक दुकान से ओवर रेटिंग की खबर सामने आ रही है।

मिली जानकारी के अनुसार रायपुर के कादर चौक स्थित शराब दुकान जिसकी सुरेश पाटले नामक व्यक्ति के नाजुक कंधों पर है। इस शराब दुकानों में ओवर रेटिंग समयानुसार दस्तक देती है। कादर चौक शराब दुकान के सुपरवाइजर सुरेश पाटले व दुकान के अन्य कर्मचारियों को आबकारी अधिकारी के तरफ से खुली छूट मिली है। जिस कारण से ये जनाब समयानुसार ओवर रेटिंग कर सरकारी राजस्व की चोरी करते हैं।

जानकारी के अनुसार सुपरवाइजर सुरेश पाटले व अन्य कर्मचारी प्रतिदिन 10-10 रुपए की चोरी कर अपने जेब को भरते हैं। बता दें कि कई दिनों से हमें शिकायत आ रही थी कि कादर चौक के इस शराब दुकान में ओवर रेटिंग का खेल समयानुसार चलता है। जिसकी पड़ताल करने पर हमने पाया कि सुपरवाइजर सुरेश पाटले अपने साथियों के साथ मिलकर इस कृत्य को अंजाम दे रहा है।

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