सत्येंद्र सिंह के Re-Joining पर नया अपडेट, विभागीय अधिकारी ही फंसे अपने बयानों पर

रायपुर। अनियमितताओं का गढ़ कहे जाने वाला प्रदेश का आबकारी विभाग एक बार फिर अखबारों की सुर्खियों में है। सुर्ख़ियों की वजह इस बार ओवर रेटिंग या कोचियाओं को शराब परोसने से नहीं बल्कि एक ब्लैक लिस्टेड कर्मचारी को पुनः से दुकान में कार्यभार सौंपने से है। हालांकि विभागीय अधिकारी तो यह कहते हैं कि सरकारी राजस्व को बचाने के उद्देश्य से कम खर्च पर काम लड़कों की मदद से दुकानों को संचालित किया जा रहा है। लेकिन वहीं दूसरी ओर दबे पांव पर जॉइनिंग भी कराई जा रही है। एक रिपोर्ट की माने तो प्रदेश के शराब दुकानों में लगभग 30 से 40 लड़के ज्यादा है जिन्हें निकालने का निर्देश भी दिया गया है। लेकिन यहां मामला ही कुछ उल्टा है लड़के तो दुकानों से है नहीं रहे वहीं दूसरी तरफ दुकानों में लड़कों की जॉइनिंग कराई जा रही है।

 देखें पूरा मामला...

पूर्व में जिन पर ओवर रेटिंग के आरोप लगे और जिन्हें ओवर रेटिंग के प्रकरणों में बर्खास्त कर ब्लैक लिस्ट किया गया आबकारी अधिकारी उन्हें ही दोबारा कार्य पर रख रहे हैं। एक तरफ जहां विभाग के आला अफसर यह कहते हैं कि दुकानों में से लड़कों की छटनी की जा रही है। सरकार का पैसा कम करने के उद्देश्य से काम लड़कों से कार्य लिया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर विभाग के कुछ अधिकारी ऐसे भी है जो ब्लैकलिस्टेड कर्मचारियों को दोबारा से कार्य पर रख रहे हैं।

ओवर रेट पर शराब बेचते हुए रंगे हाथ पकड़े गए 70 कर्मचारियों को पूर्व आबकारी सहायक आयुक्त ने ब्लैक लिस्ट किया था इन 70 कर्मचारियों में से एक कर्मचारी वर्तमान में रायपुर के शराब दुकानों में अपनी सेवाएं दे रहा हैं। पूर्व आबकारी सहायक आयुक्त विकास गोस्वामी ने रायपुर के सड्डू स्थित शराब दुकान से सतेंदर सिंह को तय कीमत से अधिक कीमत पर शराब बेचते हुए रंगे हाथों पकड़ा इसके बाद सतेंदर सिंह को भी बर्खास्त कर ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था सत्येंसतेंदर सिंह का नाम भी उन 70 कर्मचारियों की सूची में है जिन्हें पूर्व में ब्लैक लिस्ट किया गया था।

वहीं अब मिली जानकारी के मुताबिक आबकारी अधिकारी नीलम स्वर्णकार के अधीनस्थ आने वाले अभनपुर शराब दुकान के विदेशी शराब दुकान में सतेंदर सिंह की नियुक्ति की गई है। मिली जानकारी के अनुसार सतेंदर सिंह विभागीय अधिकारियों व BIS कंपनी के आपसी मिली भगत से अपने नाम में हेयर फेयर कर पुनः अपने पद पर आसीन हो गए हैं। इसके साथ ही आबकारी अधिकारी अल्ताफ खान के अधीनस्थ आने वाले शास्त्री मार्केट शराब दुकान में भी आयुष जायसवाल नमक व्यक्ति की जॉइनिंग होनी थी लेकिन हमारी खबर लगने के बाद आयुष जायसवाल ने वर्तमान में दुकान में चार्ज नहीं लिया वहीं अगर सतेंदर सिंह की बात की जाए तो ससतेंदर सिंह वर्तमान में अभनपुर की अंग्रेजी शराब दुकान में बतौर सुपरवाइजर कार्य कर रहे हैं।

 आबकारी अधिकारी पीएल साहू का बड़ा बयान...

वही जब लड़कों की जॉइनिंग और ब्लैक लिस्टेड लड़कों की जॉइनिंग को लेकर हमने आबकारी अधिकारी पीएल साहू से बात की तो उन्होंने बताया कि सरकारी खर्च को कम करने के उद्देश्य से वर्तमान में शराब दुकानों में किसी भी लड़के की जॉइनिंग नहीं की जा रही है।

 आबकारी उपयुक्त रामकृष्ण मिश्रा का बड़ा बयान...

वहीं कुछ दिन पूर्व जब हमने रायपुर आबकारी उपायुक्त रामकृष्ण मिश्रा से मुलाकात कर जॉइनिंग की प्रक्रिया को जननी चाही तो उन्होंने भी इस बात को स्पष्ट कर बताया था कि वर्तमान में रायपुर शहर के शराब दुकानों में 30 से 40 लड़के अधिक मात्रा में कार्य कर रहे हैं जिन्हें वर्तमान में कार्य से मुक्त किए जाने का निर्देश मिला है।

अगर जॉइनिंग की बात की जाए तो आपको बताने की जॉइनिंग के लिए सबसे पहले आपको BIS कंपनी द्वारा मिली फॉर्म को भर कर जमा करना होता है उसके बाद उसका अनुमोदन आबकारी उपयुक्त रामकृष्ण मिश्रा द्वारा किया जाता है आसान शब्दों में कहे तो आबकारी उपयुक्त रामकृष्ण मिश्रा के हाथों में ही सारी चीजें हैं कि वह किस शराब दुकानों में किस व्यक्ति को कार्य के लिए रखते हैं और किस शराब दुकान से किस व्यक्ति को कार्य से पृथक करते हैं। अब बड़ा सवाल यहां पर यह उठता है कि जब अधिकारी स्वयं इस बात को स्वीकार करते नजर आ रहे हैं कि रायपुर के शराब दुकानों में लड़कों की मात्रा अधिक है तो फिर सतेंदर सिंह की नियुक्ति कैसे हुई…?

विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सतेंदर सिंह ने अपनी नौकरी के लिए विभागीय अधिकारियों व BIS के एरिया मैनेजर को भी मोटी रकम दी है एक जानकारी के अनुसार सतेंदर ने 1 लाख रुपए की रकम दी है तब जाकर के सतेंदर की नौकरी वापस मिली है।

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