जिसे पूर्व में अनियमितताओं के कारण निकाला गया आज वह बन बैठा रायपुर के सड्डू स्थित शराब दुकान का सुपरवाइजर…

रायपुर। सरकारी खजाने को भरने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले विभाग में इन दिनों काले घने बादल छाए हुए हैं। बादल छाने की वजह है कि यह विभाग अब अनियमितताओं का गढ़ बन गया है। कई मीडिया संस्थानों द्वारा किया जाता है लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्रवाई के नाम पर सिर्फ और सिर्फ लीपापोती की जा रही है।

क्या है पूरा मामला...

रायपुर के सड्डू स्थित शराब दुकान में वैसे तो ओवर रेटिंग ने दम तोड़ दिया है लेकिन कोचियाओं का कब्जा इस दुकान में अब हो गया है। जानकारी के मुताबिक प्रतिदिन 10 से 15 पेटी शराब कोचियाओं को परोसी जाती है। जानकारी तो यह भी है कि सड्डू दुकान के पूर्व कर्मचारी रहे सतेंदर सिंह जिसे तत्कालीन आबकारी अधिकारी विकास गोस्वामी द्वारा ओवर रेटिंग के मामले में हटाया गया था वह व्यक्ति बाहरी रूप से दुकान का संचालन करता है।

वहीं हाल ही में सड्डू के विदेसी मदिरा दुकान में इंद्रेश कुर्रे नामक व्यक्ति की नियुक्ति सुपरवाइजर के पद पर की गई है। जानकारी के मुताबिक इंद्रेश कुर्रे पूर्व में बिलासपुर के लिंगियाडिह स्थित विदेसी शराब दुकान का सुपरवाइजर था जिसे दुकान में अनियमितता पाए जाने व शराब में मिलावट के मामले में आबकारी अधिकारी द्वारा उसके कार्य से पृथक किया गया था। बता दें कि इंद्रेश कुर्रे द्वारा पूर्व में नम्बर 1 की बोतल में मिलावट के मामले में हटाया गया था।

जिसके बाद जद्दोजहद व जुगाड़ के माध्यम से इंद्रेश कुर्रे को एक बार फिर से रायपुर के सड्डू स्थित विदेसी मदिरा दुकान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बिलासपुर के एक आबकारी अधिकारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि इंद्रेश कुर्रे को अनियमितताओं के कारण दुकान के कार्यभार से मुक्त किया गया था। अब बड़ा सवाल यहाँ पर यह उठता है कि जब पूर्व में ही इंद्रेश कुर्रे को दुकान से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है तो वह रायपुर के सड्डू स्थित विदेसी शराब दुकान में किस जुगाड़ से दुबारा कार्य पर लगा क्या इसमें आबकारी अधिकारी प्रकाश देशमुख या BIS कंपनी के एरिया मैनेजर रमेश गुप्ता की कोई मिलीभगत है…? क्योंकि शराब में मिलावट का एक कर्मचारी जिसे पूर्व में ही दुकान से हटाया गया हो वह व्यक्ति दुबारा कैसे कार्यरत हो गया…?

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