सूरजपुर में शुरू हुआ ‘Rajyotsav 2025’ मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े करेंगी उद्घाटन
सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के 25वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में सूरजपुर जिले में Surajpur Rajyotsav 2025 का भव्य आयोजन 2 से 4 नवंबर तक सूरजपुर स्टेडियम ग्राउंड में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, कला और परंपराओं की झलक हर कोने में दिखाई देगी।
कार्यक्रम का मकसद केवल उत्सव मनाना नहीं बल्कि राज्य की समृद्ध संस्कृति को लोगों तक जीवंत रूप में पहुंचाना और स्थानीय प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना है।
राज्योत्सव का उद्घाटन मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े करेंगी
तीन दिवसीय उत्सव का शुभारंभ महिला एवं बाल विकास मंत्री Mrs. Laxmi Rajwade करेंगी। उन्होंने सूरजपुर के सभी नागरिकों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी और कहा कि छत्तीसगढ़वासियों की मेहनत और समर्पण ने राज्य को 25 वर्षों में नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया है।
मंत्री ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य है कि Surajpur District विकास की राह पर अग्रसर हो और राज्य का नाम गौरव के साथ रोशन करे।
कला और लोकसंस्कृति की मनमोहक प्रस्तुतियां
राज्योत्सव में स्थानीय कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे और मंच पर लोक गीत, नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करेंगे।
- 2 नवंबर: गायिका Stuti Jaiswal अपनी मधुर आवाज़ में रंग भरेंगी।
- 3 नवंबर: गायक Sanjay Surila अपनी प्रस्तुति देंगे।
- 4 नवंबर: गायक Sunil Manikpuri दर्शकों को अपनी कला से मंत्रमुग्ध करेंगे।
साथ ही लोक नाट्य, हस्तशिल्प प्रदर्शन और पारंपरिक खेल भी उत्सव को खास बनाएंगे।
सूरजपुर जिले में छत्तीसगढ़ी संस्कृति का उत्सव
राज्योत्सव में स्टेडियम परिसर में ग्रामीण उत्पादों, महिला स्व-सहायता समूहों के स्टॉल और सांस्कृतिक प्रदर्शनियों का आयोजन होगा।
यह पहल राज्य की परंपरा, कला और संस्कृति को जीवंत रखने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास है।
Chhattisgarh Foundation Day के इस अवसर पर सूरजपुर पूरी तरह उत्सव के रंग में रंग जाएगा, और यह तीन दिवसीय राज्योत्सव जिलेवासियों के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
जनभागीदारी और उत्सव का समापन
कार्यक्रम में छात्र, स्थानीय नागरिक, कलाकार और अधिकारी भाग लेंगे। मंच से लेकर मैदान तक हर जगह छत्तीसगढ़ की संस्कृति और लोकगीतों की गूंज सुनाई देगी।
राज्य के रजत जयंती वर्ष में यह उत्सव सूरजपुर जिले की एक नई पहचान स्थापित करेगा — यह सांस्कृतिक गौरव और विकास का प्रतीक बनकर उभरेगा।
