PM Narendra Modi Jain Temple: सेवा, समर्पण और आत्मबल का प्रतीक बने संतोष जैन

रायपुर। PM Narendra Modi Jain Temple: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता संतोष जैन की निष्ठा, सामाजिक योगदान और सक्रिय जीवन शैली की सराहना करते हुए कहा कि आत्मबल और सेवा ही किसी जीवन को सफल बनाते हैं। जब संतोष जैन ने बताया कि उनकी उम्र 72 वर्ष हो चुकी है, तो प्रधानमंत्री ने मुस्कुराते हुए उनका हाथ थामकर कहा — “ऐसा मत कहिए, अभी 28 साल और समाज के लिए सक्रिय रहना है।” यह वाक्य न सिर्फ प्रेरणा का स्रोत बना, बल्कि मोदी के सकारात्मक दृष्टिकोण (positive vision) का भी प्रतीक बना।

संतोष जैन की अनूठी पहल: स्वद्रव्य से जैन मंदिर का निर्माण

जैन समाज के वरिष्ठ सदस्य संतोष जैन ने स्वभूमि (self-owned land) पर अपने स्वद्रव्य (self-funded) से भैरव सोसाइटी में सीमांधर स्वामी जैन मंदिर और दादाबाड़ी का भव्य निर्माण कराया है। यह सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि उनके आस्था और सेवा के भाव (devotion and social service) का जीवंत प्रतीक है।
उन्होंने मंदिर का निर्माण पूर्ण होने के बाद इसे समाज को समर्पित कर दिया। इस कार्य से उन्होंने यह साबित किया कि जब सेवा भावना शुद्ध हो, तो उम्र और संसाधन कभी बाधा नहीं बनते।

72 की उम्र में भी सक्रिय, समाज सेवा में निरंतर योगदान

संतोष जैन (Santosh Jain) आज भी भाजपा और समाज दोनों के कार्यों में निःस्वार्थ भाव (selfless spirit) से जुड़े हुए हैं। वे अपने कार्य और संयमित जीवन शैली से युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुके हैं। प्रधानमंत्री के आशीर्वचन के बाद उनका उत्साह और भी बढ़ गया है।
उनका मानना है कि समाज को लौटाना ही सच्ची उपलब्धि है, और जीवन की सफलता का मापदंड पद या संपत्ति नहीं, बल्कि सेवा और संस्कार (service and values) हैं।

आस्था, प्रेरणा और राष्ट्रसेवा का संगम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संदेश — “जीवन का अर्थ सेवा में है” — संतोष जैन जैसे कार्यकर्ताओं की जीवन यात्रा से पूरी तरह मेल खाता है। PM Narendra Modi Jain Temple घटना ने यह स्पष्ट किया कि जब व्यक्ति अपने आत्मबल से समाज के लिए कार्य करता है, तो वह राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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