अभिषेक शर्मा के अधिनस्थ आने वाले कई शराब दुकान झेल रहे घटती का मार, अमित के दुकानों में दागदार व्यक्ति कर रहे कार्य… होगी कार्रवाई…!!

अभिषेक की आबादी का अध्याय, काली कमाई से लिखा गया... क्यों मौन बैठे हैं पिरन सिंह व रामकृष्ण मिश्र... अभिषेक के इस साम्राज्य में इनकी भी है भूमिका...!!
धनकुबेर आज खुद ही कटोरा लेकर मांग रहा भीख... जिम्मेदार कौन...?
रायपुर| छत्तीसगढ़ सरकार की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाला छत्तीसगढ़ का सरकारी शराब दुकान आज खुद ही कर्ज तले दबा हुआ है| प्रतिदिन लाखों रूपये की बिक्री करने वाले शराब दुकान में आज स्वयं ही लाखों रूपये के घटती में हैं| हर महीने कंपनी व सीए द्वारा सारे शराब दुकानों का ऑडिट भी कराया जाता है| बावजूद इसके विभागीय अधिकारी आजतक घटती करने वाले व्यक्ति की तलाश नहीं कर सकते|
सरकारी खजाने को भरने में अपनी अहम् भूमिका निभाने वाला आबकारी विभाग आज खुद ही आय के दुसरे साधनों की तलाश में जूता हुआ है| विभागीय अधिकारीयों का रवैया मनो ऐसा है कि ऐसी वाले चार दिवारी कमरे में बैठ कर फोन के मध्य से पुरे रायपुर के शराब दुकानों को हाईटेक करने की सोंच में दुबे हुए हैं| कई अधिकारीयों का तो ऐसा भी मानना है कि न्यूज़ वेबसाइट में चाहे जितनी भी खबर क्यों न लग जाये करेंगे तो हम अपने मन की ही| इसी का परिणाम मिला की बीते दिनों रायपुर के व्यास तलब स्थित शराब दुकान (जो की आबकारी अधिकारी रविशंकर पैकर व एरिया मैनजर अमित मुतगल उर्फ़ अमित शर्मा के अधीन आता है) में 10 लाख रूपये की घटती निकली|
वहीं अगर बात की जाये राजधानी रायपुर के अन्य शराब दुकानों की तो राजधानी रायपुर के कई ऐसे शराब दुकान हैं जिनका प्रतिदिन का सेल (बिक्री) 4-5 लाख का होता है| कई बार सेल घटने की वजह से विभागीय अधिकारीयों द्वारा दुकान के सुपरवाइजर व् अन्य कर्मचारियों को सेल बढ़ाने का टारगेट भी दिया जाता है| जिससे सरकारी खजाने में अधिक से अधिक इजाफा हो सके| बहरहाल वर्तमान की स्थिती ऐसी है कि सरकारी खजाने को भरने में अपनी अहम् भूमिका निभाने वाले शराब दुकान खुद ही घटती का मार झेल रहे हैं| BIS के एरिया मैनजर अभिषेक शर्मा के अधीन आने वाले सस्त्रिमार्केट शराब दुकान में लगभग 40-50 हज़ार, पुरानी बस्ती (RKC के सामने) के शराब दुकान में लगभग 70-80 हज़ार वहीं लाखेनगर स्थित प्रीमियम शराब दुकान में भी 30-40 हज़ार तक की घटती है|
एक कहावत है “बूंद-बूंद कर के पाप का घड़ा भरता है” हालांकि पाप तो यहां नहीं है लेकिन बूंद बूंद कर घड़ा जरुर भर रहा है| आज दुकानों में घटती भले ही विभागीय अधिकारीयों को छोटी लग रही हो लेकिन यही घटती कल एक विकराल रूप ले लेगी और विभागीय अधिकारी हांथ पर हांथ धरे बैठे रह जायेंगे| विशेष सूत्रों की मने तो अभिषेक शर्मा BIS कंपनी से पहले A2Z कंपनी में कार्य करता था जब अभिषेक A2Z कंपनी में कार्य करता था उसी दौरान अभिषेक पर यह आरोप लगा था कि इनके अधिनस्थ आने वाले लखौली शराब दुकान से शराब से भरी पूरी की पुर ट्रक (एक आमद) ही गायब हो गया था जिसकी कीमत लगभग 50 लाख रूपये थी| जिसके बाद A2Z के तत्कालीन जीएम उदय राव ने अभिषेक को फ़ौरन ही नौकरी से बर्खास्त कर दिया था| बाद में खबर यह भी आई थी की अभिषेक ने एक आमद के हिसाब का पैसा कंपनी में जमा कर दिया है| अब बड़ा सवाल यह उठता है कि जिनपर इतने गंभीर आरोप पहले ही लग चुके हैं उन्हें फिर से नौकरी कैसे और किसके सिफारिश से मिली…?




नौकरी की बात हो और अमित शर्मा का नाम न आए ऐसा तो संभव ही नहीं| किसी कलंकित व्यक्ति को नौकरी पर लगवाने में भाईसाहब तो अभिषेक शर्मा जी से भी एक कदम आगे हैं| अमित शर्मा ने भांटागांव स्थित शराब दुकान में गंगाधर कश्यप नामक व्यक्ति सेल्समैन के रूप में नौकरी पर लगवाया है| गंगाधर पर पूर्व में दीनदयाल थाना क्षेत्र अंतर्गत 64, 64(2)(m), 296, 6 बी एन एस 2023 की धाराओं में गंभीर आरोप लगे थे जिसके बाद गंगाधर कुछ समय के लिए जेल भी गया था| वहीं न्यायालय में गंगाधर का यह मामला अभी लंबित है| सूत्रों की माने तो गंगाधर कश्यप के कुछ साथी आज भी बलात्कार जैसे गंभीर मामलों में जेल में सजा काट रहे हैं गंगाधर कश्यप ने अपना चरित्र प्रमाणपत्र दीनदयाल थाना क्षेत्र से न बनवा कर पुरानी बस्ती थाना से जुगाड़ के माध्यम से मैनुअली बनवाया है जिसका महत्त्व शायद न के बराबर है| इतने पढ़े लिखे होने के बावजूद अधिकारीयों की इस तरह की लापरवाही शायद यही कारण है कि आज शराब दुकान जिसे सरकारी खजाने को भरने का एक मुख्य आय का स्रोत माना जाता है वह आज खुद ही घटती की मार झेल रहा है| मिली जानकारी के अनुसार अमित शर्मा के अधिनस्थ आने वाले अधिकांश दुकान जैसे (उरला, गोगांव, भांटागांव) के शराब दुकानों में भी घटती की खबर है| वहीं अमित शर्मा ने अपने कई दुकानों में ऐसे लड़कों को नौकरी पर लगवाया है जो उस योग्य हैं ही नहीं|