आबकारी विभाग में दिलीप के नाम की चर्चा एक बार फिर हुई तेज़, सेटिंग मास्टर का सेटिंग हुआ शुरू…

रायपुर| छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव व त्रियस्तरिय पंचायत चुनाव के खत्म होने के साथ ही अब आबकारी विभाग में जल्द ही अधिकारियों फेर बदल की जा सकती है। सूत्रों की माने तो तमाम पुराने अधिकारी जो पहले भी राजधानी रायपुर के शराब दुकानों को संभाल चुके हैं। वह एक बार फिर से राजधानी रायपुर में अपनी सेवाएं दे सकते हैं।

इसी के साथ यह कहना गलत नहीं होगा कि एक बार फिर रायपुर में दिलीप का राज योग शुरू होने वाला है। वैसे तो दिलीप आबकारी विभाग व BIS (बॉम्बे इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी इंडिया लिमिटेड) कंपनी का एक बहुचर्चित नाम है। ऐसा कोई अधिकारी, कर्मचारी नहीं जो दिलीप को जनता नहीं। कंपनी व विभाग के बड़े अधिकारीयों को खुश कर दिलीप ने कई दुकानें अपने नाम कर रखीं है| दिलीप पुराने कुछ चुनिंदा अधिकारियों का भी चहेता कहलाता है।

दिलीप तत्कालीन आबकारी अधिकारी विकाश गोश्वामी के बेहद ही करीबी माना जाता था| शायद यही कारण है कि तत्कालीन आबकारी अधिकारी विकाश गोश्वामी के कार्यकाल के दौरान जिन चुनिन्दा दुकानों में ओवर रेटिंग सरेआम की जाती थी उनका देख रेख दिलीप द्वारा ही किया जाता था| हालांकि ओवर रेटिंग की समस्या जगजाहिर होने के बाद तत्कालीन आबकारी अधिकारी विकाश गोश्वामी ने स्वयं ही दिलीप की शिकायत खमतराई थाने में कराई जिसके बाद दिलीप को पुलिस ने थाने में बैठा दिया आबकारी विभाग के कई अधिकारीयों ने दिलीप के खिलाफ बयान भी दिया लेकिन सबूत न मिलने के कारण पुलिस दिलीप को लम्बे वक़्त तक नहीं रोक सकी|

फिर से हुई दिलीप की वापसी...!

दिलीप के रिश्ते BIS कंपनी के एमडी पिरन सिंह से काफी अच्छे बताए जाते हैं। शायद यही कारण है कि राजधानी रायपुर में एक्टिव ना होने के बावजूद भी आज दिलीप के पास राजधानी रायपुर के चार से पांच दुकानो का कब्जा है। विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिलीप के पास आज राजधानी रायपुर के लालपुर स्थित शराब दुकान, कमल विहार स्थित शराब दुकान, न्यू राजेंद्र नगर स्थित शराब दुकान, व फाफाडीह स्थित शराब दुकान का कब्जा है। दिलीप भले ही रायपुर में वर्तमान में अपनी साख नहीं जमा पाया हो लेकिन दिलीप के लड़के इन दुकानों में कार्य करते हैं यह कहना गलत नहीं होगा की जैसे ही शहर में ओवर रेटिंग दस्तक देगी वैसे ही दिलीप की लॉटरी लग जाएगी। ऐसा नहीं है कि शहर में ओवर रेटिंग पूर्णता खत्म हो गई है आज भी शहर के कई चुनिंदा दुकानों में समयानुसार ओवर रेटिंग के साथ-साथ कोचियाओं को भी नियम विरुद्ध शराब परोसा जाता है।

एक जानकारी के अनुसार दिलीप के सम्बन्ध आबकारी उपायुक्त रामकृष्ण मिश्रा से भी काफी अच्छे बताए जाते हैं| वहीं अगर कंपनी की बात की जाए तो एरिया मैनेजर प्रदीप गुप्ता एरिया मैनेजर रमेश गुप्ता सहित कई एरिया के मैनेजरों के साथ दिलीप के संबंध काफी अच्छे बताए जाते हैं। इन्हीं के बदौलत दिलीप अपने लड़कों को शराब दुकानों में लगवा कर मोटी कमाई करता है एक रिपोर्ट की माने तो दिलीप प्रति व्यक्ति 70 हज़ार से 1 लाख तक एक व्यक्ति के पीछे कमाता है।

बात की जाए दिलीप की तो मिली जानकारी के अनुसार दिलीप वर्तमान में सूरजपुर के ऑल इंडिया ग्लोबल सर्विस (जो कि सूरजपुर आबकारी विभाग की अधिनस्त कंपनी है।) में एक अच्छे ओहदे पर पदस्थ है। अब यह सोचने वाली बात है कि जिस व्यक्ति पर पूर्व में ही आबकारी विभाग के अधिकारियों ने गंभीर आरोप लगा कर खमतराई थाने तक में बैठा दिया था आज वह व्यक्ति ही सूरजपुर को संभाल रहा है। और सिर्फ सूरजपुर ही नहीं बल्कि सूरजपुर के साथ-साथ रायपुर के कई दुकानों में दिलीप के लड़के कार्य करते हैं। बता दें कि दिलीप मुख्यतः झारखंड राज्य का रहने वाला है। अब सोंचने वाली बात तो यह है कि कंपनी या विभाग को छत्तीसगढ़ में योग्य व्यक्ति नहीं मिले जिस कारण से झारखंड से आए व्यक्ति को छत्तीसगढ़ में अच्छे अच्छे पदों पर नौकरी मिल गई।

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