पंडवानी हमारी सांस्कृतिक पहचान और नारी सशक्तिकरण का प्रतीक: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

दुर्ग। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि पंडवानी केवल एक कला नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की आत्मा है, जिसने राज्य को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है। हमारे पंडवानी कलाकारों ने न्यूयॉर्क, पेरिस और लंदन जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर महाभारत की कथाओं को जीवंत कर दुनिया को मंत्रमुग्ध किया है।

मुख्यमंत्री साय दुर्ग जिले के ग्राम मेड़ेसरा में आयोजित पंडवानी महासम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग के सौजन्य से आयोजित किया गया।

“पंडवानी हमारी अमूल्य धरोहर है” — मुख्यमंत्री साय...

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडवानी नारी सशक्तिकरण और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बन चुकी है। उन्होंने स्वर्गीय झाड़ूराम देवांगन, लक्ष्मी बंजारे और तीजन बाई जैसी महान विभूतियों को याद करते हुए कहा —

“जब तीजन बाई तंबूरा लेकर गाती हैं, तो ऐसा लगता है जैसे देवता भी उन्हें सुनने के लिए ठहर जाते हों।”

उन्होंने कहा कि पंडवानी गायन में स्त्री-पुरुष का कोई भेद नहीं, और यह विधा महिलाओं की संवेदनशीलता व प्रतिभा का श्रेष्ठ उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने पद्मश्री डॉ. उषा बारले की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी प्रस्तुति से पंडवानी को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।

मुख्यमंत्री श्री साय पंडवानी महासम्मेलन के समापन समारोह में हुए शामिल

“संस्कृति को सहेजना हमारी सरकार की प्राथमिकता”

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरगुजा से लेकर बस्तर तक छत्तीसगढ़ की हर मिट्टी में संस्कृति की खुशबू बसी है। राज्य सरकार लोककला और कलाकारों के संवर्धन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने बताया कि कलाकारों की पेंशन राशि बढ़ाई गई है और उन्हें अधिक अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।

साय ने कहा — “चित्रोत्पला फिल्म सिटी की स्थापना छत्तीसगढ़ी सिनेमा को नई पहचान दिलाएगी।”

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को नमन करते हुए कहा कि जब उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया था, तब उनकी मंशा केवल विकास नहीं, बल्कि संस्कृति के संरक्षण की भी थी। मुख्यमंत्री ने बताया कि आगामी 1 नवंबर को राज्य की रजत जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।

घोषणाओं की झड़ी: शिक्षा और विकास को मिला नया आयाम

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ भी कीं —

  • शिक्षा विभाग जल्द ही 5000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करेगा।
  • नागरिक कल्याण महाविद्यालय, नंदिनी में स्नातकोत्तर कक्षाएँ प्रारंभ होंगी।
  • अछोटी में बीएड कॉलेज की स्थापना की जाएगी।
  • मेड़ेसरा ग्राम को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 20 लाख रुपये स्वीकृत किए गए।
  • क्षेत्र के सभी पंचायतों में सीसी रोड का निर्माण कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय पंडवानी महासम्मेलन के समापन समारोह में हुए शामिल

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा – कलाकार छत्तीसगढ़ का गौरव हैं

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ कला और संस्कृति का पवित्र केंद्र है। उन्होंने कहा — “यह कलाकारों की भूमि है, जिसने देश और दुनिया में छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है।” उन्होंने सभी पंडवानी कलाकारों को बधाई देते हुए आगामी राज्योत्सव 1 नवंबर को रायपुर में शामिल होने का आमंत्रण दिया।

पद्मश्री डॉ. उषा बारले का स्वागत उद्बोधन

महासम्मेलन की संयोजक पद्मश्री डॉ. उषा बारले ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस पर इस आयोजन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का प्रयास किया गया है।

कार्यक्रम में गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरुण साव, विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, ललित चंद्राकर, ईश्वर साहू, जितेंद्र साहू, रमशीला साहू, लाभचंद बाफना, डॉ. दयाराम साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष सरस्वती बंजारे, दुर्ग महापौर अलका बाघमार, संभाग आयुक्त एस.एन. राठौर, आईजी आर.जी. गर्ग, कलेक्टर अभिजीत सिंह, एसएसपी विजय अग्रवाल, सहित बड़ी संख्या में लोककलाकार और नागरिक उपस्थित थे।

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