Women Empowerment in Bastar: बस्तर की महिलाओं ने थामा आत्मनिर्भरता का परचम, रेडी-टू-ईट इकाई से खुलेंगे नए रोजगार के द्वार
रायपुर। कभी अपनी आजीविका के लिए सीमित अवसरों से जूझती बस्तर की महिलाएं अब आत्मनिर्भरता की मिसाल बन रही हैं। प्रदेश सरकार की पहल पर बस्तर के तुरेनार में रेडी-टू-ईट इकाई (Women Empowerment in Bastar) की शुरुआत की गई, जिसका उद्घाटन उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने किया। इस इकाई को स्थानीय महिला स्व-सहायता समूह ‘प्रगति’ संचालित करेगा।
पौष्टिक भोजन से बच्चों का भविष्य और महिलाओं का वर्तमान दोनों संवरेंगे
यह यूनिट प्रतिमाह लगभग 70 से 75 टन रेडी-टू-ईट भोजन (Nutrition Scheme) तैयार करेगी, जिसे 409 आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित किया जाएगा। इससे हजारों बच्चों को पोषण मिलेगा, वहीं ग्रामीण महिलाओं को स्थायी रोजगार का भरोसा भी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा — “महिला शक्ति के हाथों में जब अवसर आता है, तो समाज की दिशा बदल जाती है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार महिलाओं को सिर्फ सहायता नहीं, आत्मनिर्भरता का आधार दे रही है।”
स्थानीय संसाधनों से बड़े सपनों की उड़ान
इकाई की मशीनरी की कुल लागत 55 लाख रुपए (Food Industry Bastar) रखी गई है। इसमें 35 प्रतिशत अनुदान उद्योग विभाग के माध्यम से मिला है जबकि शेष राशि बैंक लोन से पूरी की गई है। यह पूरी तरह आधुनिक तकनीक से सुसज्जित है और प्रति घंटे 5 क्विंटल (Production Capacity) उत्पादन क्षमता रखती है।
नारी शक्ति का बढ़ता कदम
यह पहल केवल रोजगार का साधन नहीं बल्कि महिलाओं की आर्थिक आज़ादी की दिशा में क्रांतिकारी कदम है। राज्य सरकार तकनीकी प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और विपणन सहयोग देकर ग्रामीण महिलाओं को एक मजबूत उद्योग मॉडल से जोड़ रही है।
उद्घाटन समारोह में गूंजा ‘महिला शक्ति का जयघोष’
समारोह में बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाएं, अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में डॉ. सुभाऊ कश्यप, प्रतीक जैन, मनोज सिन्हा और राजकुमार देवांगन समेत कई प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। सभी ने इस पहल को ‘बस्तर की नई आर्थिक पहचान’ बताया।
