मस्तूरी फायरिंग केस में दो और आरोपी गिरफ्तार, कांग्रेस नेता भी शामिल
बिलासपुर। मस्तूरी क्षेत्र में 28 अक्टूबर को जनपद उपाध्यक्ष और कांग्रेस नेता नितेश सिंह के कार्यालय के सामने हुई फायरिंग की घटना में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक कांग्रेस नेता अकबर खान भी शामिल है। अब तक इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से तीन देसी पिस्तौल, दो कट्टा, छह मैगजीन, पांच मोबाइल फोन और तेरह खाली खोखे बरामद किए हैं।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों में देवेश सुमन उर्फ निक्कु सुमन और अकबर खान के नाम सामने आए हैं। जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि फायरिंग आपसी रंजिश, राजनीतिक वर्चस्व और जमीन विवाद के कारण की गई थी। मुख्य आरोपी विश्वजीत अनंत और उसके भाइयों ने नितेश सिंह की हत्या की साजिश रची थी। इस हमले में नितेश सिंह के साथी राजू सिंह और चंद्रभान सिंह गोली लगने से घायल हुए थे, जिनका इलाज अस्पताल में जारी है। पुलिस ने घटना के 24 घंटे के भीतर सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। अब सभी पर संगठित अपराध की धारा 111 बीएनएस के तहत कार्रवाई की जा रही है।
जांच में सामने आया कि यह हमला लंबे समय से चल रहे विवाद का परिणाम था। कांग्रेस नेता नितेश सिंह और मुख्य आरोपी विश्वजीत अनंत के परिवारों के बीच मस्तूरी क्षेत्र में जमीन की खरीद-बिक्री और राजनीतिक प्रभाव को लेकर मतभेद थे। दोनों पक्षों के खिलाफ मस्तूरी और सिविल लाइन थानों में पूर्व में भी प्रकरण दर्ज हो चुके हैं।
घटना से जुड़े तथ्यों के अनुसार, विश्वजीत अनंत ने नितेश सिंह और उनके सहयोगियों पर हमले की योजना पहले 25 अक्टूबर को बनाई थी, जो असफल रही। इसके बाद 28 अक्टूबर की शाम छह बजे आरोपी दो मोटरसाइकिलों से पहुंचे और नितेश सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। गोली लगने से उनके दो साथी घायल हो गए, जिन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी तारकेश्वर पाटले ने मुख्य आरोपी विश्वजीत अनंत को एक लाख रुपये नकद दिए थे, जिसे उसने अपने सहयोगियों में बांटा था। इस जानकारी की पुष्टि की जा रही है। पुलिस का कहना है कि मामले से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश जारी है और सभी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
