धड़ल्ले से चल रहा ओवर रेटिंग का काला जाल, दुकान संचालक सहित अधिकारी हो रहे मालामाल…

रायपुर| राजधानी में आबकारी नियमों की धज्जियां उडाना अब दुकान संचालकों के लिए आम बात हो गया है| अधिकारी चाहे जितना भी कार्रवाई लेकिन शराब दुकान के कर्मचारी कभी सुधरने का नाम नही लेते।

  • कहावत है जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का…

बता दें कि बीते दिनों शराब के ओवर रेटिंग का एक मामला सामने आया है जिसमें राजधानी रायपुर के मोवा शराब दुकान, सद्दू शराब दुकान व कुर्रा स्थित शराब दुकान के कर्मचारी व सुपरवाइजर आपसी सहयोग से मदिरा प्रेमियों से तय दर से अधिक दर पर शराब बेची जा रही है।

जिसकी पड़ताल करने जब हमारी टीम मौके पर पहुंची तो पाया कि सूचना सही थी। कई शराब जिनके प्रिंट रेट कुछ और थे और उन्हें किसी और दर पर दिए जा रहे थे। हालांकि इन सब का वीडियो भी हमने बनाया वीडियो में काफी अश्लील भाषाओं का प्रयोग किया गया है जिस वजह से हम वीडियो आपके समक्ष प्रस्तुत नहीं कर सकते।

बड़ी बात तो यह है कि एक तरफ जहां अधिकारी जी कार्रवाई पर कार्रवाई किये जा रहे हैं| तो वहीं दूसरी ओर शराब दुकान संचालक विभागीय मिलीभगत से ओवर रेटिंग व कोचियाओं को शराब परोसने के नए नए तरीके अपनाते जा रहे हैं बता दें कि राज्य सरकार नें सभी शराब की कीमतें तय कर रखी हैं| तय दर से न तो कम और न ही अधिक दर पर कोई शराब दुकान संचालक शराब बेच सकता है| लेकिन शराब दुकान संचालक आबकारी अधिकारीयों की मिलीभगत से सरकारी राजस्व की चोरी कर अपने साथ साथ अधिकारीयों का भी जेब गर्म कर रहे हैं|   

अब देखना यह होगा कि हमारी इस खबर के बाद आबकारी विभाग ओवरराइटिंग को रोकने के लिए कौन सा रुख अपना आता है और सरकारी राजस्व की चोरी करने वाले ऐसे शराब दुकान से चालकों पर कैसी कार्रवाई करता है।

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