अगर आप भी हैं बाड़े अधिकारियों के खास तो होगी अपार धन की वर्षा… जाने कैसे…

रायपुर। बरसों से दम तोड़ चुके ओवर रेटिंग ने एक बार फिर राजधानी के कई शराब दुकानों में अपनी दस्तक दी है। दिनप्रतिदिन समयानुसार ओवर रेटिंग की काली कमाई दुकान के स्टाफ के साथ-साथ अधिकारियों के भी जेब गर्म कर रहा है। मज़े की बात तो यह है कि तत्कालीन आबकारी सहायक आयुक्त विकास गोश्वामी के कार्यकाल के दौरान भी कुछ चुनिंदा दुकानों में धड़ल्ले से ओवर रेटिंग की जाती थी और उन्हीं के नक्शे कदम पर वर्तमान के आबकारी उपायुक्त रामकृष्ण मिश्रा भी चल रहे हैं।

क्या है पूरा मामला...

आबकारी विभाग में विभागीय उठा पटक से पहले राजधानी से ओवर रेटिंग में अलविदा कह दिया था। लेकिन आबकारी उपायुक्त रामकृष्ण मिश्रा के पदभार ग्रहण करने के कुछ समय बाद ही एक बार फिर राजधानी रायपुर में ओवर रेटिंग की गूंज सुनाई देने लगी है। शहर के कुछ चुनिंदा दुकानों में तो कोचियाओं का भी तांता लगाने लगा है।

जाने कब कहां होती है अवैध कमाई...

वेयर हाउस से आबकारी अधिकारी राजेंद्र तिवारी की वापसी के साथ ही उन्हें खरोरा सर्कल का चार्ज सौंपा गया है। वहीं अधिकारी जी भी अपने से बड़े अधिकारियों के खास बताए जाते हैं बता दें कि इनके खरोरा के देसी शराब दुकान में कोचियाओं का तांता सुबह से शाम तक लगे रहता है। आए दिन कोचियाओं को तय मात्रा से अधिक मात्रा पर व अधिक दर पर शराब परोसी जाती है। वहीं अगर राजधानी के अन्य दुकानों की बात की जाए तो राजधानी रायपुर के न्यू राजेंद्र नगर स्थित शराब दुकान, आबकारी अधिकारी जेबा खान के अधिकार क्षेत्र वाले टाटीबंध स्थित देसी शराब दुकान, भाटागांव स्थित देसी शराब दुकान, कुर्रा सर्कल के कई शराब दुकानों से आए दिन ओवर रेटिंग व कोचियाओं को शराब परोस कर काली कमाई की जाती है।

शराब दुकान के कुछ कर्मचारियों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि कोचियाओं को अधिक मात्रा में शराब परोसना उनकी मजबूरी है क्योंकि उन्हें ऊपर से (आबकारी विभाग के अधिकारियों से) दुकान की सेल बढ़ाने का लक्ष्य दिया जाता है। सेल कम होने पर दुकान के कर्मचारियों के साथ अभद्रता के साथ व्यवहार भी किया जाता है। हालांकि यह जानकारी हमें विशेष सूत्रों के माध्यम से मिली है इस पर cgtimesnews.in अपनी मुहर नही लगाता।

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