EXCLUSIVE: पूर्व आबकारी सहायक आयुक्त विकास गोश्वामी ने जिसपर लिया था एक्शन, वर्तमान के आबकारी आयुक्त रामकृष्ण मिश्रा ने उसे दिया पनाह…

आबकारी की इस धांधली में किसका हांथ...

रायपुर। शराब दुकानों में ओवर रेटिंग करने वाले जिन 70 कर्मचारियों पर पूर्व आबकारी सहायक आयुक्त विकास गोश्वामी द्वारा बर्खास्त करने की कार्रवाई की गई थी। अब उन्हीं कर्मचारियों में से कुछ कर्मचारी एक बार फिर शराब दुकान की तरफ रुख कर रहे हैं। ब्लैक लिस्ट होने के बावजूद कुछ कर्मचारीआज भी धड़ल्ले से शराब दुकानों में कार्यरत हैं।

क्या है मामला...

ओवर रेट पर शराब बेचते हुए रंगे हाथ पकड़े गए 70 कर्मचारियों को पूर्व आबकारी सहायक आयुक्त ने ब्लैक लिस्ट किया था इन 70 कर्मचारियों में से दो कर्मचारी वर्तमान में रायपुर के शराब दुकानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। आयुष जायसवाल, व सतेंदर सिंह इन दोनों कर्मचारियों को पूर्व में ही शराब की ओवर रेटिंग करते हुए रंगे हाथों पकड़े जाने पर ब्लैक लिस्ट किया गया था और आज यह दोनों कर्मचारी विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से एक बार फिर शराब दुकानों में कार्यरत है।

वहीं अब मिली जानकारी के मुताबिक आबकारी अधिकारी नीलम स्वर्णकार के अधीनस्थ आने वाले अभनपुर शराब दुकान के विदेशी शराब दुकान में सतेंदर सिंह की नियुक्ति की गई है। वहीं आबकारी अधिकारी अल्ताफ खान के अधीनस्थ आने वाले शराब दुकान सस्त्रिमार्केट शराब दुकान में आयुष जायसवाल की नियुक्ति की गई है। वही मिली जानकारी के अनुसार यह सारे कर्मचारी विभागीय अधिकारियों व BIS कंपनी के आपसी मिली भगत से अपने नाम में हेयर फेयर कर पुनः अपने पद पर आसीन हो गए हैं।

ऐसे में अब बड़ा सवाल यह उठता है कि इस तरह की लीला आखिरकार किसके संरक्षण में की जा रही है। आबकारी आयुक्त रामकृष्ण मिश्रा ने इन ब्लैक लिस्टेड कर्मचारियों को कैसे पनाह दिया…? क्या BIS एमडी पिरन सिंह की भी इसमें कोई सहभागिता है। यह सारे सवाल बीस कंपनी वह आबकारी विभाग के आला अधिकारियों पर लागू होता है। और क्या अब हमारी इस खबर के बाद इन ब्लैकलिस्टेड कर्मचारियों पर और इन्हें पनाह देने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई होगी।

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