Cows Death Case : हाईकोर्ट ने पूछा – “मवेशियों का डेटा कहां है?”, रिपोर्ट को बताया सिर्फ औपचारिक कागज़
अधूरी रिपोर्ट पर चीफ जस्टिस का कड़ा रुख
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान (Cows Death Case) को लेकर अदालत ने राज्य सरकार की रिपोर्ट पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि पशुधन विभाग द्वारा पेश किया गया शपथपत्र सिर्फ औपचारिकता भर है, जिसमें न तो मवेशियों की असली संख्या दी गई और न ही उनके देखभाल से जुड़ी कोई स्पष्ट जानकारी। चीफ जस्टिस ने सख्त लहजे में कहा— “ऐसा लगता है कि रिपोर्ट सिर्फ दिखावे के लिए तैयार की गई है, हकीकत को छुपाने के लिए नहीं।”
मवेशियों की मौत के पीछे के कारणों की होगी गहराई से जांच
27 अक्टूबर को हुई सुनवाई में डिवीजन बेंच ने पशुधन विभाग के सचिव को आदेश दिया कि अगली तारीख पर विस्तृत और तथ्यात्मक रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। इसमें (Cows Shelter Management) से जुड़े सभी बिंदु शामिल होने चाहिए — जैसे देखरेख की व्यवस्था, मृत्यु का कारण, और इलाज की स्थिति। कोर्ट ने कहा कि बिना प्रमाण के कोई भी दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा।
हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, जनहित में शुरू की सुनवाई
यह मामला तब सामने आया जब बेलतरा और सुकुलकारी क्षेत्र में मवेशियों की लगातार मौत की घटनाएं प्रकाश में आईं। इन खबरों को देखते हुए हाईकोर्ट ने इसे (Public Interest Case) के रूप में दर्ज किया। पिछली सुनवाई में विभाग को तथ्यपूर्ण हलफनामा देने का निर्देश दिया गया था, लेकिन रिपोर्ट अधूरी थी। कोर्ट ने कहा कि ऐसी लापरवाही जनता के विश्वास को कमजोर करती है।
प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल, कोर्ट ने मांगा जवाब
सुनवाई के दौरान जस्टिस बेंच ने पूछा कि 15 अक्टूबर को घटना के बाद 23 अक्टूबर तक प्रशासन ने कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया। गांवों में सड़े शवों का मिलना इस बात का संकेत है कि (Cattle Monitoring System) पूरी तरह से निष्क्रिय पड़ा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार स्पष्ट करे कि मृत पशु गौठान के थे या निजी मालिकों के, क्योंकि रिपोर्ट में दोनों बातें विरोधाभासी हैं।
‘गो-धाम योजना’ पर कोर्ट ने मांगा अमल का प्रमाण
राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि प्रदेश में “गो-धाम योजना” लागू है, जिसका आदेश सभी कलेक्टरों को 6 अगस्त 2025 को भेजा गया था। इस पर कोर्ट ने कहा— “नीतियां कागज़ों में नहीं, ज़मीन पर दिखनी चाहिए।” अदालत ने सवाल किया कि अगर योजना लागू है, तो इतने मवेशियों की मौत कैसे हो गई?
हाईकोर्ट ने कहा – जवाबदेही तय करें, रिपोर्ट नहीं बहाना
कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा— “सरकार को अब जवाबदेही तय करनी होगी, सिर्फ रिपोर्ट से काम नहीं चलेगा।” मवेशियों की सुरक्षा, भोजन, पानी और स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जिम्मेदारियों को (Cows Welfare) के दायरे में लाते हुए अदालत ने आदेश दिया कि वास्तविक स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट 19 नवंबर से पहले पेश की जाए।
