आदिवासी समाज के उत्थान और कल्याण के लिए छत्तीसगढ़ सरकार प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

आदिवासी समाज के उत्थान और कल्याण के लिए छत्तीसगढ़ सरकार प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज रायगढ़ के बोईरदादर में आयोजित अखिल भारतीय कंवर समाज के वार्षिक सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। मुख्यमंत्री साय ने समाज की मांग पर 30 लाख रुपए की लागत से निर्मित सामुदायिक भवन के प्रथम तल का लोकार्पण किया। समाज के वरिष्ठजनों ने मुख्यमंत्री का पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ भव्य स्वागत एवं अभिनंदन किया।

मुख्यमंत्री साय ने कंवर समाज के पुरोधाओं को नमन करते हुए कहा कि समाज का विकास शिक्षा से ही संभव है। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल नौकरी ही नहीं, बल्कि विभिन क्षेत्रों में सफल बनने का माध्यम भी है। हर बेटा-बेटी को शिक्षित करना ही समाज को मजबूती देगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी समाज के उत्थान और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। आदिवासियों एवं क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है। उन्होंने शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आव्हान भी किया। 

मुख्यमंत्री साय ने जनजातीय समाज के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को याद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित कर जनजातीय समुदाय के सम्मान को नई ऊंचाई दी है। उन्होंने बताया कि आदिवासी समाज को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने धरती आबा ग्राम उत्कर्ष और पीएम जनमन कार्यक्रम की शुरूआत की है। यह आदिवासी कल्याण के क्षेत्र में आजादी के बाद सबसे बड़ा अभियान है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं जनजातीय परिवारों को उपलब्ध करायी जा रही है। इन योजनाओं से जनजातीय क्षेत्रों में तेज गति से विकास हो रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की रजत जयंती समारोह के अवसर पर रायपुर में शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक सह संग्रहालय का लोकार्पण किया है। संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के वीर सेनानियों का देश के लिए योगदान जीवंत रूप में प्रदर्शित हो रहा है। यह आने वाली पीढ़ियों को हमारे वीर नायकों के शौर्य और बलिदान से परिचित कराता रहेगा। यह हमारे आदिवासी समाज के लिए भी गौरव की बात है। 

About The Author