त्योहारों के मौसम में एक बार फिर दिलीप गूंज उठा दिलीप का नाम, इन दुकानों पर है कब्जा…

रायपुर। लंबे अरसे के बाद एक बार फिर राजधानी रायपुर में दिलीप का नाम जोरों से गूंज उठा है। विभागीय सूत्रों की माने तो दीपावली त्यौहार के मद्देनजर दिलीप के पास राजधानी रायपुर के कई शराब दुकानों का कब्जा है। बताया जाता है कि दिलीप विभागीय अधिकारियों के सांठगाठ से एक बार फिर सरकारी राजस्व में सेंध लगाने की तैयारी कर रहा है।

कई दुकानों पर है आज भी कब्जा...

विभागीय सूत्रों की माने तो दिलीप के पास आज भी राजधानी रायपुर के कई ऐसे शराब दुकान है जिनपर उसका कब्जा है। दिलीप विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से व रायपुर में संचालित हो रहे कंपनी के कर्मचारियों के आपसी सहयोग से सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा रहा है।

विवादों में रहा है दिलीप का नाम...

ऐसा कोई अधिकारी, कर्मचारी नहीं जिसका दिलीप से परिचय नहीं… पहले दुकानों को अपने कब्जे में लेना फिर वहां नियम विरुद्ध कार्य करना और फिर पकड़े जाने पर सब कुछ दुकान के स्टाफ व सुपरवाइजर पर थोप कर निकल जाना यह दिलीप के लिए आम बात है। आज भी कंपनी व विभाग के बड़े अधिकारीयों को खुश कर दिलीप ने कई दुकानें अपने नाम कर रखीं है|

कहीं न कहीं दिलीप के रिश्ते BIS कंपनी के एमडी पिरन सिंह से काफी अच्छे बताए जाते हैं। शायद यही कारण है कि राजधानी रायपुर में एक्टिव ना होने के बावजूद भी आज दिलीप के पास राजधानी रायपुर के चार से पांच दुकानो का कब्जा है। विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिलीप के पास आज राजधानी रायपुर के आउटर स्थित शराब दुकानों का कब्जा है।

दिलीप भले ही रायपुर में वर्तमान में अपनी साख नहीं जमा पाया हो लेकिन दिलीप के लड़के इन दुकानों में कार्य करते हैं। दिलीप आज कोचियाओं को अधिक मात्रा में अधिक दर पर शराब परोसने का काम व ओवर रेटिंग जैसे कृत्य करवाता है। और कमीशन के रूप में तगड़ी कामाई करता है।

यह कहना गलत नहीं होगा की जैसे ही शहर में ओवर रेटिंग दस्तक देगी वैसे ही दिलीप की लॉटरी लग जाएगी। ऐसा नहीं है कि शहर में ओवर रेटिंग पूर्णता खत्म हो गई है आज भी शहर के कई चुनिंदा दुकानों में समयानुसार ओवर रेटिंग के साथ-साथ कोचियाओं को भी नियम विरुद्ध शराब परोसा जाता है।

दिलीप का कामकाज सिर्फ रायपुर तक ही सीमित नहीं है दिलीप कोरबा में शराब दुकानों में लड़कों की नियुक्ति कराने वाली कंपनी में बड़े पद पर कार्यरत है। यहां भी कंपनी दिलीप की जीहुजूरी करती है। दिलीप का गैंग कोरबा के कई शराब दुकानों में कार्य करता है। कोचियाओं को नियम विरुद्ध शराब देना शराब में मिलावट करवा कर दिलीप यहां से भी मोटी रकम वसूलता है।

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