Chhattisgarh Health Transformation : बस्तर बना ‘मॉडल ज़िला’, जहाँ बीमारियों पर मिली जीत
रायपुर, 30 अक्टूबर 2025: 25 वर्षों की यात्रा में बस्तर अब “Chhattisgarh Health Transformation” का केंद्र बन चुका है। जहाँ कभी इलाज के नाम पर सिर्फ उम्मीद थी, वहाँ आज आधुनिक अस्पतालों, प्रशिक्षित डॉक्टरों और अत्याधुनिक उपकरणों का मजबूत नेटवर्क खड़ा है।
स्व. बलीराम कश्यप मेडिकल कॉलेज: ग्रामीण भारत की चिकित्सा प्रयोगशाला
2006 में स्थापित Baliram Kashyap Government Medical College अब सिर्फ एक शैक्षणिक संस्था नहीं, बल्कि बस्तर की ‘लाइफलाइन’ बन गया है। यहाँ बनी वायरोलॉजी लैब ने प्रदेश में महामारी नियंत्रण में अहम भूमिका निभाई। मेडिकल कॉलेज में अब एमसीआई मानकों के अनुरूप सभी सुविधाएँ मौजूद हैं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की नई पीढ़ी तैयार हो रही है।
सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल: ग्रामीण भारत के लिए आधुनिक चिकित्सा का प्रतीक
डिमरापाल में निर्मित यह सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, हृदय और किडनी जैसी जटिल बीमारियों के इलाज का नया केंद्र बन गया है। यह सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि “Health Infrastructure Revolution” का जीवंत उदाहरण है।
महारानी अस्पताल की नई पहचान
1937 से सेवारत Maharani Hospital आज पूर्ण रूप से डिजिटल और ऑटोमेटेड हेल्थकेयर सिस्टम में तब्दील हो चुका है। 2023 में इसे राज्य स्तर पर कायाकल्प पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अब यह अस्पताल रोजाना हजारों ग्रामीणों को ओपीडी, पैथोलॉजी और आईसीयू जैसी सेवाएँ दे रहा है।
गांव-गांव तक फैली स्वास्थ्य सेवा की नई रेखा
बस्तर में 25 सालों में दर्जनों नए Community Health Centres खुले हैं। अब हर गाँव से औसतन 3 किलोमीटर के भीतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध है। कोविड काल के बाद टेलीमेडिसिन, मोबाइल हेल्थ यूनिट और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं ने गाँवों तक आधुनिक इलाज पहुंचाया है।
