प्रदूषण के बीच आंखों पर भारी मेकअप से बचने की सलाह, डॉक्टरों ने बताया खतरा

बढ़ता वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के साथ-साथ त्वचा और आंखों के लिए भी हानिकारक साबित हो रहा है। डॉक्टरों ने महिलाओं को विशेष रूप से आंखों के आसपास भारी मेकअप से परहेज करने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के सूक्ष्म कण मेकअप की परतों के साथ आंखों में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे एलर्जी, खुजली और ड्राइनेस की समस्या बढ़ रही है।दिल्ली आई सेंटर के अध्यक्ष और प्रमुख नेत्र विशेषज्ञ डॉ. हरबंश लाल ने बताया कि अधिक प्रदूषण वाले इलाकों में आंखों के आसपास काजल, मस्कारा, आईलाइनर और आईशैडो जैसे भारी मेकअप से बचना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जब प्रदूषण के सूक्ष्म कण आंखों में जम जाते हैं, तो इससे संक्रमण या एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। जिन महिलाओं की आंखों के आसपास मेकअप की परत अधिक होती है, उन्हें इसका खतरा ज्यादा होता है।

किन उत्पादों से ज्यादा खतरा

विशेषज्ञों के अनुसार, वॉटरप्रूफ मस्कारा और आईलाइनर लंबे समय तक टिके रहते हैं, लेकिन इन्हें हटाने के लिए स्ट्रॉन्ग रिमूवर की जरूरत होती है। इससे आंखों के आसपास की त्वचा अधिक रूखी हो जाती है और प्रदूषण के कणों का असर बढ़ जाता है। कुछ कॉस्मेटिक उत्पादों में ऐसे रसायन होते हैं जो आंखों में सूजन, लालिमा और जलन का कारण बन सकते हैं। इनके लगातार उपयोग से आंखों में सूखापन या अन्य नेत्र रोगों का खतरा बढ़ सकता है।

इसके अलावा, मेकअप रिमूवर और फेशियल क्लींजर का गलत इस्तेमाल भी समस्या को बढ़ा सकता है। जब इन्हें आंखों के आसपास रगड़ा जाता है, तो यह उन नाजुक ग्रंथियों को प्रभावित करता है जो आंसू की परत में तेल का उत्पादन करती हैं, जिससे आंखों में चिकनाई कम हो जाती है और असुविधा बढ़ती है।

विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि आईलाइनर को पलकों की रेखा के बाहर लगाया जाए और केवल संवेदनशील आंखों के लिए बने उत्पादों का उपयोग किया जाए। साथ ही, आंखों की सफाई हमेशा हल्के और सुरक्षित क्लींजर से करनी चाहिए ताकि प्रदूषण और मेकअप दोनों के दुष्प्रभावों से बचा जा सके।

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