प्रशासनिक उलझनों में अटके 300 शिक्षकों के 4 करोड़ रुपए, भुगतान के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष से गुहार

गरियाबंद। देवभोग ब्लॉक के लगभग 300 शिक्षकों का करीब 4 करोड़ रुपए का भुगतान कई वर्षों से प्रशासनिक प्रक्रियाओं में उलझा हुआ है। सवा 3 करोड़ रुपए अंशदायी पेंशन योजना के तहत और लगभग 80 लाख रुपए क्रमोन्नत वेतनमान के मद में देय थे, लेकिन संविलियन से पहले ही होने वाला यह भुगतान जनपद, बीईओ कार्यालय और जिला पंचायत स्तर की जटिलताओं के कारण अब तक लंबित है। शिक्षक लंबे समय से अपनी बकाया राशि के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।

लंबित राशि को लेकर मंगलवार को छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक/समग्र शिक्षक देवभोग इकाई का प्रतिनिधि मंडल अध्यक्ष अवनीश पात्र के नेतृत्व में जिला पंचायत अध्यक्ष गौरीशंकर कश्यप से मिला। प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन सौंपते हुए शीघ्र भुगतान की मांग की। जिला पंचायत अध्यक्ष ने शिक्षकों की समस्याएं सुनने के बाद जिला पंचायत सीईओ से चर्चा कर इस विषय पर एक कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया।

अंशदायी पेंशन योजना मार्च 2013 से लागू की गई थी। शिक्षकों के वेतन से 10 प्रतिशत कर्मचारी अंश नियमित रूप से काटा गया, जबकि शासन द्वारा दिए जाने वाले 10 प्रतिशत नियोक्ता अंश के अभाव का हवाला देते हुए संविलियन के बाद भुगतान रोक दिया गया। वर्ष 2023 में शासन ने स्पष्ट किया कि वेतन आबंटन में ही नियोक्ता अंश शामिल था, इसके बावजूद जिला पंचायत बार-बार जनपद और बीईओ कार्यालय से ब्योरा मांगता रहा। इस अवधि में चार सीईओ और तीन बीईओ बदलने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ।

करीब 60 शिक्षकों के लिए स्थिति और भी जटिल है। इन्हें 2014 में दिए गए क्रमोन्नत वेतनमान को गलत बताते हुए 2015 में प्रति शिक्षक 1.37 लाख रुपए की रिकवरी कर ली गई, जिसकी कुल राशि करीब 80 लाख रुपए हुई। बाद में न्यायालय ने रिकवरी को गलत बताते हुए राशि लौटाने का आदेश दिया, लेकिन देवभोग में भुगतान अधिकारियों की लापरवाही के चलते अटक गया। रिकवरी राशि ट्रेजरी में जमा करने के बजाय बीईओ कार्यालय के खाते में रखी गई और बाद में अन्य मदों में खर्च कर दी गई। अब तक केवल 3 लाख रुपए ही शासन को वापस जमा हुए हैं।

प्रभावित शिक्षकों का कहना है कि वे अब रिकवरी की वापसी नहीं, बल्कि वेतनमान की पुनःस्वीकृति और सही वेतन प्रविष्टि की मांग कर रहे हैं ताकि उनका 8वां वेतनमान और भविष्य के पेंशन लाभ प्रभावित न हों। बीईओ देवनाथ बघेल ने बताया कि भुगतान से जुड़ी सभी जानकारियां समय-समय पर जिला पंचायत को भेजी गई हैं और आगे प्राप्त निर्देशों के अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी।

लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे शिक्षकों को अब जिला पंचायत अध्यक्ष के आश्वासन से समाधान की उम्मीद जगी है। उनका कहना है कि आर्थिक और मानसिक क्षति झेलने के बाद वे चाहते हैं कि शासन-प्रशासन संवेदनशीलता दिखाते हुए जल्द से जल्द बकाया भुगतान जारी करे।

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