Chhattisgarh Tableau ने बढ़ाया बस्तर का मान – गुजरात की एकता परेड में संस्कृति और विकास का अनोखा संगम

बस्तर की झांकी “संस्कृति, सृजन और प्रगति की गाथा” ने दिखाई विकास और विरासत की अनूठी झलक

गुजरात के एकता नगर में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर आयोजित (Chhattisgarh Tableau) इस वर्ष का केंद्र बिंदु रही। “बस्तर की धरती – संस्कृति, सृजन और प्रगति की गाथा” शीर्षक से प्रस्तुत इस झांकी ने दर्शकों का दिल जीत लिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झांकी का अवलोकन किया और बस्तर के बदलते स्वरूप की झलक को सराहा। इस झांकी ने बताया कि कैसे बस्तर अब संघर्ष से निकलकर विकास की नई राह पर अग्रसर है।

गौर नृत्य ने बस्तर की आत्मा को किया जीवंत

झांकी के अग्रभाग में माड़िया जनजाति के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत गौर नृत्य ने लोक संस्कृति की महक फैलाई। पारंपरिक तुरही की गूंज और रंगीन परिधानों ने एक अद्भुत दृश्य निर्मित किया।

वहीं मध्य भाग में बस्तर की (Chhattisgarh Tableau) के रूप में विकास यात्रा को दिखाया गया — शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार जैसे क्षेत्रों में प्रगति अब बस्तर की पहचान बन चुकी है।

बस्तर का नया चेहरा: परंपरा से प्रगति तक

यह झांकी संदेश देती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर अब एक नई दिशा में अग्रसर है।
गांवों में सड़कों का जाल, बिजली की रौशनी, इंटरनेट और आत्मनिर्भर महिलाएं – यह सब दर्शाता है कि अब बस्तर का नाम केवल लोककथाओं में नहीं, बल्कि भारत के (Rural Transformation) मॉडल में शामिल है।

ढोकरा कला और स्त्री शक्ति का प्रतीक

अंतिम भाग में दिखाई गई टोकरी लिए महिला प्रतिमा ने श्रम, सृजन और महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया। पूरी झांकी ढोकरा शिल्पकला से सजी थी, जो बस्तर के कारीगरों की कलात्मक प्रतिभा को उजागर करती है।

राष्ट्रीय मंच पर छत्तीसगढ़ का सम्मान

देशभर की झांकियों में से छत्तीसगढ़ की झांकी को उसकी मौलिकता, सांस्कृतिक समृद्धि और (Chhattisgarh Tableau) की प्रतीकात्मकता के लिए चयनित किया गया। यह प्रदर्शन केवल एक सांस्कृतिक प्रस्तुति नहीं, बल्कि भारत की एकता, विविधता और विकास की भावना का जीवंत प्रमाण था।

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