किसान आंदोलन और कृषि ऋण माफी की मांग : कडू का प्रदर्शन, नेशनल हाईवे को किया अवरुद्ध

महाराष्ट्र। राज्य में कृषि ऋण माफी की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन महायुति सरकार के लिए राजनीतिक चुनौती बन सकता है। चुनाव से पहले किसानों को कर्ज माफी का वादा किया गया था, लेकिन फिलहाल किसी प्रकार की सहमति नहीं बन पाई है। पूर्व मंत्री ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से गुरुवार को मुंबई में मुलाकात के बाद आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी।


राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रदर्शन और हाईकोर्ट का आदेश
वर्तमान में प्रदर्शनकारी राष्ट्रीय राजमार्ग 44 को अवरुद्ध कर रहे थे। मुंबई उच्च न्यायालय ने उन्हें शाम छह बजे तक मार्ग खाली करने का निर्देश दिया। मंत्री पंकज भोयर और आशीष जायसवाल ने प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत कर उन्हें पास के मैदान में जाने का भरोसा दिलाया।


बच्चू कडू और अन्य किसान नेताओं ने राजमार्ग खाली कर आंदोलन को मैदान में जारी रखने का वादा किया। उन्होंने कहा कि आंदोलन की आगे की रूपरेखा मुख्यमंत्री से बैठक के बाद तय होगी।


न्यायालय की प्रतिक्रिया और आदेश
हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि बिना अनुमति के प्रदर्शन जारी रखना आम जनता के अधिकारों का उल्लंघन है। न्यायमूर्ति रजनीश व्यास की अवकाशकालीन पीठ ने कडू और उनके समर्थकों को तुरंत राजमार्ग खाली करने और शांतिपूर्ण तरीके से हटने का निर्देश दिया। कोर्ट ने चेतावनी दी कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर कडू और समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


पीठ ने पुलिस को आदेश दिया कि यदि प्रदर्शनकारियों ने स्थल नहीं छोड़ा तो आवश्यक कदम उठाए जाएं। नागपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर दस हजार से अधिक प्रदर्शनकारियों की वजह से यातायात 20 किलोमीटर तक जाम रहा। हाईकोर्ट ने कहा कि इससे एम्बुलेंस और अन्य जरूरी वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई।


किसान नेताओं का बयान
कडू ने हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान करने की बात कही, लेकिन साथ ही आरोप लगाया कि रोजाना 12 किसान आत्महत्या कर रहे हैं और उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन वे अपनी जगह पर रहेंगे।

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