Bastar Irrigation Development: 54 नई योजनाओं से खेतों में बहने लगी समृद्धि की धारा

25 साल में खेती के नक्शे पर उभरा नया बस्तर

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद (Bastar Irrigation Development) की दिशा में किए गए ठोस प्रयासों का नतीजा आज बस्तर के खेतों में साफ दिखाई दे रहा है। अब तक जिले में 92 सिंचाई परियोजनाओं के जरिए लगभग 32,656 हेक्टेयर भूमि को सिंचित बनाया जा चुका है। पहले जहां किसान वर्षा पर निर्भर थे, वहीं अब योजनाबद्ध जल प्रबंधन से खेती अधिक स्थायी और लाभदायक हो गई है।

नई 54 योजनाओं से 23 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि को मिला पानी का सहारा

राज्य गठन से पहले जिले में महज 38 लघु सिंचाई योजनाएँ थीं, जिनसे करीब 8,907 हेक्टेयर जमीन पर ही सिंचाई संभव थी। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। सरकार और जल संसाधन विभाग की पहल से 54 नई सिंचाई योजनाएँ पूरी की गई हैं, जिससे 23,749 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र सिंचित हुआ है। इसमें 18,129 हेक्टेयर खरीफ और 5,620 हेक्टेयर रबी फसल क्षेत्र शामिल है। इससे किसानों को एक सीजन की जगह दो सीजन की खेती का अवसर मिला है, जिससे आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी (Farmer Income Growth) देखी जा रही है।

नई तकनीक से जुड़ी परियोजनाएँ, नकदी फसलों की ओर बढ़े किसान

(Irrigation Projects in Bastar) के तहत बीते वर्षों में कई महत्वपूर्ण योजनाएँ पूरी की गई हैं — जिनमें कोसारटेडा मध्यम सिंचाई परियोजना, बेदारमुंडा, टिकरालोहंगा तालाब, कुम्हरावंड, बनियागांव, और भालूगुड़ा उदवहन सिंचाई योजना शामिल हैं। इसके अलावा 46 एनीकट और स्टॉप डैम बनाकर पानी के संग्रहण को स्थायी स्वरूप दिया गया है। इन प्रयासों से किसानों ने धान के साथ-साथ मक्का, उड़द, मूंग और सब्ज़ियों जैसी नकदी फसलों की ओर कदम बढ़ाया है। अब बस्तर का किसान आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

42 नई परियोजनाएँ निर्माणाधीन, 195 करोड़ से अधिक का निवेश जारी

जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में जिले में 42 नई सिंचाई परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है, जिनकी कुल लागत 195 करोड़ 36 लाख रुपये है। इनके पूरा होते ही 6,790 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि पर सिंचाई की सुविधा मिल जाएगी। यह (Agricultural Development) की दिशा में बस्तर के लिए बड़ा कदम साबित होगा।

खेतों में लौटी हरियाली, किसानों के चेहरों पर लौटी मुस्कान

अब बस्तर के गांवों में पानी की कमी नहीं, बल्कि योजनाबद्ध सिंचाई की सफलता की कहानियाँ सुनाई देती हैं। जल संसाधन विभाग के इन निरंतर प्रयासों ने खेती को टिकाऊ बनाया है और किसानों को बेहतर फसल, बेहतर आमदनी और बेहतर भविष्य की दिशा में आगे बढ़ाया है। (Bastar Irrigation Development) की यह कहानी केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि बस्तर की धरती की बदलती तकदीर है।

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