सुशासन संवाद 2025 : नवाचार और पारदर्शिता से बनेगा विकसित छत्तीसगढ़

रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय के पंचम तल स्थित ऑडिटोरियम में ‘सुशासन संवाद’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, मुख्य सचिव विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत, तथा प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और डीएफओ उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवाचार तभी सार्थक है जब वह नागरिक जीवन को सरल बनाए और शासन की फ्लैगशिप योजनाओं को बल दे। उन्होंने चेताया कि “नवाचार तुगलकी प्रयोग न बनें, बल्कि जनता की सुविधा का माध्यम बनें।” सीएम ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि नवाचारों में जनता की राय शामिल की जाए और उनका दीर्घकालिक उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि “स्थायित्व और उपयोगिता के बिना नवाचार केवल प्रयोग रह जाते हैं।”
नवाचार जनसेवा के केंद्र में हो — मुख्यमंत्री साय...

मुख्यमंत्री ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम को सरकार की सबसे अहम पहल बताया। उन्होंने कहा कि सभी सेवाएं समय पर और गुणवत्तापूर्ण ढंग से दी जानी चाहिए, अन्यथा जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने “पुराने दस्तावेज हटाओ” अभियान की सराहना की और निर्देश दिया कि सभी कार्यालयों को व्यवस्थित कर पारदर्शिता बढ़ाई जाए। सीएम साय ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली सुशासन की रीढ़ है। सभी विभाग निर्धारित समय सीमा में इसका 100% क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से अधिकाधिक सेवाएं ऑनलाइन करने और नागरिकों में डिजिटल जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। सीएम ने कहा कि शिकायतों का डिजिटल और पारदर्शी समाधान नागरिकों के भरोसे को मजबूत करेगा और भ्रष्टाचार की संभावना घटाएगा।
फील्ड विजिट को स्थायी प्रक्रिया बनाएं...

मुख्यमंत्री ने कहा कि “योजनाओं की सच्चाई फील्ड में उतरकर ही पता चलती है।” उन्होंने नियमित निरीक्षण को प्रशासन की संस्कृति का हिस्सा बनाने का आग्रह किया। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रशासन को नई कार्यसंस्कृति और तकनीक अपनानी होगी। “जब उच्चाधिकारी अनुशासन का उदाहरण बनेंगे, तभी नीचे तक कार्यसंस्कृति बदलेगी।” कार्यक्रम में रायपुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, जशपुर और उदंती वन अभयारण्य के नवाचारों की प्रस्तुति दी गई।
मुख्यमंत्री ने नवाचारों पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया और कहा कि “ऐसे प्रयास ही आधुनिक और विकसित छत्तीसगढ़ की नींव हैं।”
‘जशप्योर’ और तकनीकी नवाचारों की सराहना...

- जशपुर जिले का ‘जशप्योर’ ब्रांड और महुआ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जनजातीय अर्थव्यवस्था के सशक्त मॉडल के रूप में उभरा है।
- नारायणपुर का ‘इंटिफाई’ डेटा प्लेटफॉर्म नक्सल गतिविधियों की सटीक ट्रैकिंग कर रहा है।
- दंतेवाड़ा में ब्लॉकचेन तकनीक से 7 लाख भूमि अभिलेख डिजिटाइज किए गए हैं।
- रायपुर की ‘टीम प्रहरी’ पहल प्रशासन, नगर निगम और पुलिस के समन्वय का उदाहरण बनी है।
मुख्यमंत्री ने कहा —
“सुशासन कोई एक दिन का लक्ष्य नहीं, बल्कि निरंतर सुधार की प्रक्रिया है।
हमारे छोटे-छोटे प्रयास ही विकसित छत्तीसगढ़ की बड़ी तस्वीर बनाएंगे।”