राजधानी रायपुर का एक ऐसा शराब दुकान जहां आज भी होता है जेब गर्म करने वाला काम…

रायपुर। वैसे तो छत्तीसगढ़ की सुशासन वाली इस सरकार में सरकार चाहे कितने भी सुशासन के ताल ठोक ले लेकिन जमीनी हकीकत और छत्तीसगढ़ के मुखिया मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का विभाग कुछ और ही बयां करती है।
दरअसल छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि छत्तीसगढ़ के मुखिया ने आबकारी विभाग अपने पास रखा है। और ऐसा हो भी क्यों न क्योंकि छत्तीसगढ़ का यह एक ऐसा विभाग है जो छत्तीसगढ़ के खजाने को रातों रात भरता है। और इसी खजाने में अब सेंधमारी का काम कर रहे हैं दुकान के कर्मचारी।
मामला राजधानी रायपुर के सिलतरा व कुर्रा शराब दुकान का है। यह दुकान आबकारी अधिकारी प्रकाश देशमुख के अधिकार क्षेत्र में आता है। विशेष सूत्रों की माने तो दुकान सुपरवाइजर अपने वेतन से ना खुश नजर आ रहे हैं। या फिर इन साहब को ऊपरी मलाई बेहद ही पसंद आ रही है। ऐसा हम इस लिए कह रहे हैं क्योंकि सुपरवाइजर साहब पवन गोश्वामी नामक व्यक्ति के साथ मिलकर समयानुसार शराब की कीमतों में हेर फेर करते हैं।
दुकान सुपरवाइजर कामाई के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। दरअसल विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दुकान सुपरवाइजर व दुकान के अन्य स्टाफ प्रतिदिन सरकारी खजाने को दीमक की तरह खोखला कर रहे हैं। बता दें कि सिलतरा व कुर्रा के इस शराब दुकान में समयानुसार ओवर रेटिंग की जा रही है। वह भी बाहरी व्यक्ति पवन गोस्वामी के साथ मिल कर।
एक तरफ जहां विभागीय अधिकारी ओवर रेटिंग को बंद करने की कड़ी मसक्कत करने का दिखावा कर रहे हैं तो वहीं राजधानी रायपुर के सिलतरा व कुर्रा स्थित शराब दुकान जो आज भी अधिकारियों के नाक के नीचे ओवर रेटिंग कर मोटी कमाई कर रहे हैं।
हाल ही में हुए लालपुर के शराब दुकान कांड ने एक तरफ जहां आबकारी विभाग के अधिकारियों को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है तो वहीं इन दुकानों के कर्मचारियों द्वारा ऐसी हरकत कहीं ना कहीं विभाग के आला अधिकारियों की मिली भगत को दरसा रही है।